नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की ओर से राफेल विमान सौदे को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि पर हितों के टकराव का आरोप लगाए जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि संप्रग सरकार में दस साल मंत्री रहे लोग शासन की अज्ञानता से ग्रसित हैं। जेटली ने ट्वीट करके कहा, ‘दस साल सरकार में रहे संप्रग के पूर्व मंत्रियों को यह तक नहीं पता कि वित्त सचिव केवल एक पदनाम भर है
जो वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ सचिव को दिया जाता है।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि सचिव (आर्थिक मामले) का रक्षा मंत्रालय की व्यय संबंधी फाइलों के बारे में कोई भूमिका नहीं होती है। रक्षा मंत्रालय की फाइलें सचिव (व्यय) निपटाते हैं। सिब्बल के इरादों को लेकर कठघरे में खड़ा करते हुए जेटली ने कहा कि संस्थाओं को तोड़ने वाले अब अपने झूठ के आधार पर कैग के खिलाफ भी विषवमन करने लगे हैं।
यह कहा सिब्बल ने
इससे पहले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि महर्षि 24 अक्टूबर 2014 से 30 अगस्त 2015 तक वित्त सचिव रहे हैं। इसी अवधि के दौरान अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस की यात्रा के दौरान राफेल के सौदे को अंतिम रूप दिया था।